किण्डर स्कूल में पानी संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन

द्वारा admin, 16 जुलाई, 2024
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देवास। किण्डर हायर सेकण्डरी स्कूल देवास में पानी का संरक्षण को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पारिस्थितिकी विज्ञान वैज्ञानिक एवं यूनाइटेड नेशन के आई़.यू.सी.एन. कमीशन के 5 कमीशन के सदस्य डॉ. सुनील दुबे उदयपुर राजस्थान, डॉ. शेखर सरभाई मृदा वैज्ञानिक एवं सेवानिवृत टेक्नीकल डायरेक्टर सोइल एण्ड लैंड यूज सर्वे ऑफ इण्डिया नई दिल्ली से उपस्थित हुए।

इस अवसर पर देवास के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अजय सोलंकी एवं स्कूल डायरेक्टर हेमन्त वर्मा भी उपस्थ्ति रहे। कार्यशाला में डॉ. सुनील दुबे ने सिखाया कि पानी संरक्षण की जिम्मेदारी केवल नगर पालिका या शासन की नहीं है, यदि हमे पानी को बचाना है, तो घर के पानी को घर में और अपने स्कूल के पानी को स्कूल में रोकना होगा।

इस हेतु उन्होने बच्चों से स्कूल में एक परकोलेशन पिण्ड बनवाया और इसमें कैसे पानी का संरक्षण होता है विस्तार से समझाया। पौधारोपण पर भी जानकारी देते हुए डॉ. सुनील का कहना था कि आज हम देख रहे है, कि हम केवल सुन्दरता की तरफ ध्यान दे रहे है, और इसके चलते अनेक विदेशी प्रजाति या सही शब्दों में घुसपेठी प्रजातियों का पौधारोपण कर रहे है, जिसके कारण हमारी देशी प्रजातियों को नुकसान हो रहा है। उन्होनें ऐसी अनेक प्रजातियों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी और तकनीकी का सही इस्तेमाल करते हुए उसे पहचानने का तरीका बताया। उन्होनें एक पेड़ को कैसे लगाया जाना चाहिए, उसका गढ्ढा कितना गहरा होना चाहिए इसकी भी जानकारी बच्चों को दी।

डॉ. सुनील ने किसी सर्वे कार्य कार्य को करने के लिए कैसे गूगल अर्थ और नोट केम एप का उपयोग किया जाता है उसको सविस्तार बताया। इस अवसर पर दिल्ली से आये मृदा वैज्ञानिक डॉ. शेखर सरभाई ने मृदा पहचानने के तरीके तथा मृदा अपरदन को रोकने के उपाय पर चर्चा की। अजय सोलंकी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने इस अवसर पर किण्डर हायर सेकण्डरी स्कूल को इस पहल के लिए बधाई दी तथा अपेक्षा की कि बच्चे इस कार्य को आगे बढ़ायेंगे। विद्यालय के डायरेक्टर हेमन्त वर्मा ने अतिथि वैज्ञानिको का सम्मान करते हुए आश्वस्त किया कि वैज्ञानिकों ने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के लिए जो उपाय बताए है उसे देवास के अलग अलग हिस्सो तक फैलाने का प्रयास करेंगें। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन हिमांशी वर्मा एवं स्वपनिल वर्मा ने किया। आभार प्राचार्य विनोद पटेल ने माना।

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